हाई ब्लड प्रेशर से क्या नुकसान होता है
हाई बीपी क्या है?
जब यह खून बहुत ज़्यादा प्रेशर से नसों की दीवारों पर टक्कर मारने लगता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर कहते हैं। यह बीमारी सालों तक कोई दर्द या बड़ा लक्षण नहीं दिखाती। यह चुपचाप (इसलिए 'साइलेंट किलर') हमारे शरीर के अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचाती रहती है। हम जानेंगे कि यह बढ़ा हुआ प्रेशर हमारे शरीर के अंगों को खराब कर सकता है।
यहा पर कुछ नुक्सान को विस्तार में दिया गया है
नुकसान 1: दिल पर अटैक (Heart Attack & Failure)
क्या होता है? हार्ट अटैक : हाई बीपी नसों को सख्त बना देता है। इन सख्त नसों में कचरा (फैट/कोलेस्ट्रॉल) जमना आसान हो जाता है। जब यह कचरा दिल की नसों को पूरी तरह जाम कर देता है, तो हार्ट अटैक आ जाता है। दिल का कमज़ोर होना (हार्ट फेलियर): लगातार ज़्यादा प्रेशर के कारण दिल को खून पंप करने के लिए ज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ता है। एक समय आता है जब दिल थक जाता है, कमज़ोर हो जाता है और शरीर की ज़रूरत के हिसाब से खून पंप नहीं कर पाता। इसे ही हार्ट फेलियर कहते हैं।
नुकसान 2: दिमाग का धोखा (स्ट्रोक और भूलने की बीमारी)
क्या होता है? स्ट्रोक (लकवा): हाई प्रेशर दिमाग की नाजुक नसों को या तो फाड़ सकता है (ब्लीडिंग वाला स्ट्रोक) या उनमें रुकावट पैदा कर सकता है (जाम होने वाला स्ट्रोक)। दोनों ही स्थिति में दिमाग के उस हिस्से को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे शरीर के एक हिस्से में लकवा (पक्षाघात) मार सकता है। याददाश्त कमजोर होना (डिमेंशिया): जब ब्लड प्रेशर लंबे समय तक हाई रहता है, तो यह धीरे-धीरे दिमाग की छोटी नसों को भी खराब कर देता है। इससे हमारी सोचने, सीखने और चीज़ें याद रखने की शक्ति कमजोर होने लगती है।
नुकसान 3: किडनी खराब (डायलिसिस की नौबत)
किडनी हमारे शरीर का 'फ़िल्टर प्लांट' है। यह खून को साफ़ करती है और ख़राब चीज़ों को बाहर निकालती है।
क्या होता है? किडनी के अंदर खून की बहुत बारीक और नाजुक नसें होती हैं जो फ़िल्टर का काम करती हैं। हाई बीपी इन बारीक नसों पर इतना दबाव डालता है कि ये फट या ख़राब हो जाती हैं। जब ये फ़िल्टर खराब हो जाते हैं, तो किडनी खून को ठीक से साफ़ नहीं कर पाती। समय के साथ यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि किडनी काम करना बंद कर सकती है, जिसके बाद डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पड़ सकती है।
नुकसान 4: आँखों की रोशनी (अंधेपन का खतरा)
क्या होता है? आँख के पर्दे (रेटिना) में भी बहुत महीन नसें होती हैं। हाई बीपी के कारण ये नसें फूल सकती हैं या फट सकती हैं। इससे आपको धुंधला दिखाई दे सकता है, और अगर इसे ठीक न किया जाए तो हमेशा के लिए आँखों की रोशनी भी जा सकती है (अंधापन)।
हाई बीपी एक ऐसी आग है जो शरीर के ज़रूरी हिस्सों को अंदर ही अंदर जला रही है। अच्छी बात यह है कि इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
1.अपना बीपी नियमित रूप से चेक करवाते रहें
2.खाने में नमक कम करें।
3.हरीसब्ज़ियां, फल और साबुत अनाज ज़्यादा खाएं।
4.रोज़ाना 30 मिनट वॉक करें,
5.वज़न कंट्रोल करें
6.तनाव (स्ट्रेस) को कम करने की कोशिश करें।
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